झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की राजनीति में उतार-चढ़ाव भरी यात्रा रही है। आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने कई कानूनी और राजनीतिक मुश्किलों का सामना किया। सोरेन, जो अपने पिता शिबू सोरेन के राजनीतिक धरोहर को संभालने वाले नेता हैं, 2013 में झारखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने।उनका करियर कई विवादों और राजनीतिक संघर्षों से घिरा रहा, जिसमें 2023 में एक भूमि घोटाले के आरोप में गिरफ्तारी भी शामिल थी। हालांकि उन्होंने आदिवासी भूमि के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया और अपनी सरकार में कई सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू किया। सोरेन की लीडरशिप आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा करने के लिए कड़ी रही, और उनकी सरकार ने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे महिला सहायता योजनाएं और किसानों के लिए ऋण माफी योजनाएं।