गौतम गंभीर के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में अब तक का सबसे बड़ा दबाव सामने आया है। न्यूजीलैंड से घर में मिली 3-0 की हार और श्रीलंका में बुरी हार के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी उनकी कोचिंग क्षमता की परीक्षा होगी। टीम के प्रमुख खिलाड़ी उम्र के साथ ढल रहे हैं और युवा खिलाड़ियों को मौका देने की आवश्यकता है। गंभीर को अब टीम की मानसिक ताकत और रणनीतियों को मजबूत करना होगा, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण दौरे से उबर सकें और अपने कोचिंग करियर को सही दिशा में ले जा सकें।