1979 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा जब एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में एक उपग्रह लॉन्च विफल हो गया। कलाम ने टीम के कुछ सदस्यों की चिंताओं को नजरअंदाज कर लॉन्च करने का आदेश दिया, लेकिन उपग्रह बंगाल की खाड़ी में गिर गया। ISRO के अध्यक्ष सतीश धवन ने इस विफलता का सामना किया और कलाम को मीडिया से दूर रखते हुए टीम की पूरी समर्थन दिखाई। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि अगली बार सफलता मिलेगी। एक महीने बाद, ISRO ने सफलतापूर्वक एक और मिशन लॉन्च किया, और धवन ने कलाम को इस सफलता का श्रेय दिया। धवन का यह नेतृत्व न केवल टीम की आत्मा को मजबूत करता है, बल्कि यह दिखाता है कि विफलता की जिम्मेदारी लेना और सफलता का श्रेय देना असली नेतृत्व की पहचान है। सतीश धवन ने ISRO और IISc में महत्वपूर्ण सुधार किए और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता दी। उनका जीवन और कार्य आज के नेताओं के लिए प्रेरणा है।