प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने “डिजिटल गिरफ्तारी” धोखाधड़ी के मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो 159 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में लिप्त थे। ये आरोपी 24 शेल कंपनियों का संचालन कर रहे थे, जिनका इस्तेमाल पैसे को धोखाधड़ी से कमाने और सफेद करने के लिए किया गया था। इन धोखेबाजों ने सिम कार्ड का दुरुपयोग कर फर्जी व्हाट्सएप खातों के माध्यम से लोगों को ठगा। ED ने चेतावनी दी है कि ये अपराधी खुद को पुलिस या न्यायाधीश बताकर लोगों से पैसे मांगते हैं। इसी संदर्भ में भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (I4C) ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है और धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए संपर्क करने को कहा है।