अजमेर दरगाह को लेकर हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि यह दरगाह पहले शिव मंदिर था। गुप्ता ने 1910 में प्रकाशित हार बिलास सरदा की किताब का हवाला देते हुए कहा कि दरगाह के नीचे एक शिव मंदिर था, जिस पर ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की मजार बनी। इसके अलावा ब्रिटिश इतिहासकार पी.एम. करी और आर.एच. इर्विन की किताबों में भी इस स्थान से जुड़ी शिवलिंग की बात की गई है। गुप्ता ने दरगाह को “संकट मोचन महादेव मंदिर” घोषित करने की मांग की है और वहां हिंदू पूजा को फिर से शुरू करने की अपील की है। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।