जस्टिस जॉन माइकल डी’कुन्हा की समिति ने भाजपा सरकार के दौरान कोविड-19 की वेंटिलेटर खरीद में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है। रिपोर्ट में बताया गया कि मेडिकल एजुकेशन विभाग की वेंटिलेटर खरीद में 173.26 करोड़ रुपये की अनियमितताएं हुईं। विभाग ने 490 वेंटिलेटर के लिए 71.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन केवल 402 वेंटिलेटर ही इंस्टॉल किए गए और 13.39 करोड़ रुपये के वेंटिलेटर गायब हैं। इसके अलावा अन्य आपूर्तिकर्ता Encarta Pharma द्वारा आपूर्ति की गई वेंटिलेटर की भी कोई प्रमाणिकता नहीं मिली, जिससे घोटाले की आशंका बढ़ गई है। कर्नाटका के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने इस रिपोर्ट को लेकर भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए, दोषियों को सजा देने की बात की।