आर्कटिक व्हेलों पर मानव गतिविधियों का प्रभाव

आर्कटिक व्हेलों पर मानव गतिविधियों का प्रभाव

बोहेड और नार्वाल व्हेल, जो दुनिया की सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाली प्रजातियाँ हैं, वाणिज्यिक शिकार के कारण गंभीर संकट में हैं। एक अध्ययन के अनुसार वाणिज्यिक व्हेलिंग ने बोहेड व्हेलों की आनुवंशिक विविधता को काफी हद तक कम कर दिया है, जिससे उनकी जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन क्षमता प्रभावित हो रही है। जबकि नार्वालों की स्थिति बेहतर है, उनके पास भी आनुवंशिक विविधता की कमी है। अध्ययन का निष्कर्ष है कि इन प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए तात्कालिक कदम उठाना आवश्यक है, ताकि वे जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे का सामना कर सकें। दोनों व्हेलें अब कनाडा में सुरक्षा के तहत हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तेजी से बढ़ रहे हैं।

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