आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति मजबूत हो रही है, लेकिन बांग्लादेश में भारत को खतरे के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिशें बढ़ रही हैं। उन्होंने “संस्कृतिक मार्क्सवादियों” और “वोक” लोगों की आलोचना करते हुए समाज में एकता और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। भागवत ने यह भी कहा कि हिंदुओं को एकजुट होने की आवश्यकता है और हालिया घटनाओं में हुई हिंसा की निंदा की। उनका कहना था कि देश की स्थिरता को बाधित करने वाली साजिशें सक्रिय हैं, जिन्हें पहचानने की जरूरत है।