भारत सरकार ने विवाह में बलात्कार को आपराधिक बनाने की मांग पर हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि इस अपवाद को हटाना विवाह संस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। सरकार ने तर्क किया कि ऐसा करने से वैवाहिक संबंधों में कठिनाई बढ़ सकती है और सहमति साबित करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मौजूदा कानून यौन शोषण के मामलों को संभालने में सक्षम हैं। सरकार ने 2013 में संसद द्वारा इस अपवाद को बनाए रखने के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि विवाह की जटिलताओं को समझते हुए यह निर्णय लिया गया था। हलफनामे में कहा गया है कि नए कानूनों के दुरुपयोग की संभावना भी है, जो परिवार की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।