भारत ने अपने चावल निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया है और $490 प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) निर्धारित किया है, साथ ही पका हुआ चावल पर निर्यात कर को 10% कर दिया है। राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष BV कृष्णा राव के अनुसार, इन बदलावों से उच्च गुणवत्ता वाले चावल की निर्यात संभावनाएं बढ़ेंगी। पिछले साल चावल के निर्यात में गिरावट आई थी, लेकिन नए उपायों से भारत वैश्विक चावल बाजार में अपनी स्थिति को फिर से मजबूत कर सकता है। इससे वैश्विक चावल की कीमतों पर भी प्रभाव पड़ेगा और प्रमुख चावल कंपनियों के शेयरों में भी वृद्धि देखी गई है। भारत, 2012 से चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है, और 2022-23 में इसका वैश्विक बाजार में लगभग 40% हिस्सा था।
भारत का चावल निर्यात: वैश्विक बाजार में फिर से शीर्ष स्थान पर लौटने की उम्मीद
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