सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि एक महिला और पुरुष के बीच लंबे समय से सहमति से extramarital संबंध चल रहे हों, तो महिला द्वारा शादी का झूठा वादा करने पर बलात्कार का आरोप नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट ने 7 साल पुरानी एफआईआर को खारिज करते हुए कहा कि यदि शारीरिक संबंध वर्षों तक जारी रहें, तो यह नहीं कहा जा सकता कि महिला केवल शादी के वादे के कारण संबंध बना रही थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सहमति से extramarital संबंध में सेक्स को रेप नहीं माना जा सकता
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