वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को तीन वर्षों के लिए ट्रांसफर प्राइसिंग प्रावधानों को लागू करने का प्रस्ताव किया, जिससे ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) और मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशंस (MNCs) को लाभ मिलेगा। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और सुरक्षित आश्रय नियमों का विस्तार किया जाएगा ताकि कर विवाद कम हो सकें। इस कदम से भारत के ट्रांसफर प्राइसिंग क्षेत्र को और आकर्षक बनाने और आईटी उद्योग को बढ़ावा देने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री का ट्रांसफर प्राइसिंग में सुधार का प्रस्ताव
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