भारत के वाणिज्य मंत्रालय के निदेशक सेंथिल नाथन एस ने बताया कि भारत का सेवा निर्यात जल्द ही विनिर्माण निर्यात को पार कर सकता है, संभवतः इस दशक के अंत तक यह परिवर्तन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीकों की मदद से हो रहा है, जो विनिर्माण को अधिक सेवा-उन्मुख बना रहे हैं। नाथन ने कहा कि सही कौशल विकास के जरिए भारत अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत कर सकता है। SEPC के महासचिव अभय सिन्हा ने बताया कि सेवा निर्यात 2022-23 में 325 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 341 अरब डॉलर होने का अनुमान है। इंजीनियरिंग सेवाओं का क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है, जो 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। कार्यक्रम में भारत की सेवा निर्यात क्षमता और अंतरराष्ट्रीय विकास के अवसरों पर चर्चा की गई, जिससे भारत का सेवा क्षेत्र और मजबूत होने की उम्मीद है।