वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में तेलुगू कवि और नाटककार गुराजदा अप्पा राव के प्रसिद्ध उद्धरण का जिक्र किया, “देशमांते मट्टी कादोई, देशमांते मनुशुलोई”, जिसका अर्थ है, “देश केवल माटी नहीं, बल्कि उसके लोग होते हैं।” इस उद्धरण के माध्यम से उन्होंने सरकार के “विकसित भारत” के दृष्टिकोण को साझा किया, जिसमें ज़ीरो गरीबी, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी जैसी प्राथमिकताएँ शामिल हैं। गुराजदा अप्पा राव का योगदान साहित्य और सामाजिक सुधारों में अविस्मरणीय है।
बजट 2025 में गुराजदा अप्पा राव का उद्धरण: देश उसके लोग हैं
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