इस धनतेरस पर भारतीय ज्वेलरी बाजार में पहली बार चांदी ने सोने को पीछे छोड़ दिया। सोने की ऊंची कीमतों ने खरीदारों को हतोत्साहित किया, जिससे चांदी की बिक्री में 30-35% की बढ़ोतरी हुई। भारतीय बुलियन और ज्वेलर्स एसोसिएशन के अनुसार चांदी की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में 40% अधिक थीं, फिर भी मांग बढ़ी है। इस वर्ष सोने की बिक्री 15% घटकर लगभग 35-36 टन रही, जबकि चांदी की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी में निवेश का सही अवसर है, खासकर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से बढ़ती मांग के कारण। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने भविष्यवाणी की है कि भारत में सोने की मांग 2024 में चार साल के निम्न स्तर पर पहुँच सकती है। स्थानीय बाजार में सोने की कीमत 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर रही, जबकि चांदी की कीमत 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के ऊपर बनी हुई है।