बांग्लादेश के ढाका में एक प्रमुख धार्मिक आयोजन ने हिजबुल्ला, तालिबान और पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेताओं को आकर्षित किया, जिससे भारत में सुरक्षा चिंताएँ बढ़ गई हैं।अल मार्काजुल इस्लामी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कई extremist समूहों के नेता शामिल हुए, जिनमें हिजबुल्ला के वरिष्ठ नेता भी थे। इस आयोजन के संस्थापक मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम, जो अल-कायदा से जुड़े थे, का प्रभाव आज भी महसूस किया जा रहा है। बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के बीच, भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आतंकवादी समूह इन घटनाओं का फायदा उठा सकते हैं, जिससे भारत में घुसपैठ की संभावना बढ़ गई है। इस आयोजन ने क्षेत्रीय सुरक्षा को एक महत्वपूर्ण खतरे में डाल दिया है, जिससे न केवल भारत, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।
ढाका में कट्टरपंथियों की सभा: भारत की सुरक्षा को खतरा
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