कलकत्ता हाई कोर्ट ने “बोला काली पूजा” के अवसर पर कोलकाता के बोला काली मंदिर में पशु बलिदान पर रोक लगाने की याचिका पर अंतरिम राहत देने से मना कर दिया। अदालत ने कहा कि यह विवादास्पद है कि पौराणिक पात्र शाकाहारी थे या मांसाहारी। अदालत ने यह भी बताया कि पूर्वी भारत में धार्मिक प्रथाएँ उत्तर भारत से भिन्न हैं, और कई समुदायों के लिए ये प्रथाएँ अनिवार्य हो सकती हैं। इसलिए कोर्ट ने कहा कि इस पर रोक लगाना व्यावहारिक नहीं होगा। मामले की आगे की सुनवाई दीवाली की छुट्टियों के बाद नियमित बेंच के समक्ष होगी, जबकि पूजा शुक्रवार को निर्धारित है। पिछले वर्ष भी इसी प्रकार की याचिका दायर की गई थी, लेकिन अदालत ने तब भी रोक लगाने से इनकार कर दिया था।