सर्वोच्च न्यायालय ने असम सरकार को विदेशी घोषित व्यक्तियों के निर्वासन में तेजी लाने का निर्देश दिया है। हालांकि बांगलादेश इन व्यक्तियों को स्वीकारने से इंकार कर रहा है क्योंकि भारत उन्हें प्रमाणित नहीं कर पा रहा है। भारत के पास अमेरिका जैसे कूटनीतिक दबाव और संसाधन नहीं हैं, जो त्वरित निर्वासन को संभव बना सकें। असम के कैद शिविरों में लोगों को वर्षों से इंतजार करना पड़ रहा है, और भारत-बांगलादेश संबंधों की जटिलता इसे और कठिन बना रही है।
असम में अवैध प्रवासियों का निर्वासन: भारत और बांगलादेश के बीच कूटनीतिक अड़चनें
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