हाल के दिनों में अमेरिका की टेक इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर छंटनियों ने भारतीय मूल के कर्मचारियों, विशेषकर H-1B वीजा धारकों को प्रभावित किया है। लगभग 438 कंपनियों ने 137,500 कर्मचारियों को निकाला है, जिससे नौकरी पाने के अवसर कम हो गए हैं। H-1B वीजा धारकों को नई नौकरी खोजने के लिए सीमित समय मिलता है, अन्यथा उन्हें देश छोड़ना पड़ सकता है। नए वीजा नियमों ने भी स्थिति को और जटिल बना दिया है, जैसे कि EB-5 वीजा में देरी और H-1B वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी। इन सभी चुनौतियों के बीच, भारतीय श्रमिकों को ग्रीन कार्ड पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है, जिससे उनके भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।