अभय देओल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि जब वे फिल्म इंडस्ट्री में आए, तो उन्हें बताया गया कि भारतीय दर्शकों को “स्पून-फीड” करना पड़ता है क्योंकि वे गरीब और अज्ञानी हैं। वे यह समझते थे कि विदेशी फिल्मों में जटिल और गहरे पात्र होते हैं, जबकि भारतीय सिनेमा में यह कमी थी। अभय ने इस सोच को चुनौती दी और अपनी फिल्मों में नये और अलग तरह के किरदारों को पेश किया, जैसे “देव.डी” और “ओये लकी लकी ओये” जैसी फिल्में।