मुम्बई में एक कैबिनेट बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के बाद केवल 10 मिनट भाग लिया और तुरंत छोड़ दिया। उनकी अनुपस्थिति के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में दो घंटे में 38 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सूत्रों का कहना है कि पवार तात्कालिक प्रस्तावों को लेकर नाखुश थे। एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने कहा कि महायुति में किसी तरह का तनाव नहीं है। इस बीच राज्य सरकार चुनावों से पहले कई वित्तीय योजनाएं पेश कर रही है, जिससे राजकोषीय घाटे की चिंता बढ़ रही है। वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि घाटा 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।