भारत की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) अगले दो वित्तीय वर्षों (FY25 और FY26) में 15-17% एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं, जो पिछले दशक के औसत 14% से अधिक है। घर और वाहन लोन के क्षेत्रों में वृद्धि जारी रहेगी, जबकि वाहन वित्तपोषण में थोड़ी मंदी देखी जा सकती है। बड़े NBFCs ने वैकल्पिक फंडिंग स्रोतों का उपयोग किया है, जिससे उनकी वृद्धि को सहायता मिल रही है।